बाहर दो लड़के खेल रहे हैं, तो बताओ मेरी उमर कितनी है ?

एक चुटकुले से आज की शुरुआत करता हूं.

गणित की कक्षा में शिक्षक ने बच्चों से पूछा बाहर दो लड़के खेल रहे हैं, तो बताओ मेरी उमर कितनी है ?

एक विद्यार्थी ने हाथ उठाया. शिक्षक भी चौंका कि इस प्रश्न का उत्तर यह कैसे बताएगा. पूछा हाँ बताओ, बाहर दो लड़के खेल रहे हैं, तो मेरी उमर कितनी है ?

विद्यार्थी ने बताया चालीस साल. शिक्षक फिर चौंका अरे वाह, तुमने तो बिल्कुल सही जवाब दिया. कैसे पता लगाया ?

विद्यार्थी ने मासूमियत से जवाब दिया जी मेरे भैया की उमर बीस वर्ष है और लोग उसे आधा पागल कहते हैं !

इसके बाद क्या हुआ, मुझसे मत पूछिए.

शेयर बाजार की हालत भी ऐसी ही होती है. यहां कोई तर्क काम नहीं करता. बाजार तीन ही काम कर सकता है या त ऊपर जाएगा, या नीचे गिरेगा, या बस हिलताडुलता रहेगा. आप भी तीन ही काम कर सकते हैं शेयर बाजार में. या तो लॉग करिएगा, या शार्ट, या कुछ नहीं करिएगा.

अक्सर ऐसा होगा कि जैसे ही आप कुछ खरीदिएगा उसका दाम नीचे गिरना शुरु कर देगा. या जैसे ही किसी शेयर को बेचिएगा उसका दाम चढ़ना शुरु कर देगा. और अगर कुछ नहीं किया तो बाद में सिर धुनते रहिएगा कि काश, मैंने हिम्मत कर ली होती !

शेयर बाजार में बस दो ही ध्रुव हैं डर और लालच. बाजार लगातार इन्हीं ध्रुवों के बीच बना रहता है. जब लालच हावी होने लगता है तो दाम चढ़ना शुरु कर देता है, और जब डर हावी होने लगता है तो दाम गिरने शुरु हो जाते हैं. आपको भी इन्हीं दो ध्रुवों से निपटना होता है.

वणिक डॉट इन – – एक नया वेबसाइट है. शेयर बाजार की चरचा करने वाले या इसे जुड़े लाखों वेबसाइटों, चैनलों में से एक. आप को इस वेबसाइट पर किसी विशेष शेयर को खरीदने या बेचने की सलाह नहीं दी जाती. सेबी के नियमों के अनुसार हम ऐसा कर भी नहीं सकते. और हम ऐसा करने का इरादा भी नहीं रखते. हम आपको इस के बारे में बहुत ही साधारण जानकारी बहुत ही साधारण तरीके से देने वाले हैं. और यह सब जानकारियां भी यह मान कर दी जाएगीं कि आप एक साधारण मनुष्य हैं, जिसके पास थोड़ी बहुत पूंजी है, खेलने के लिए पर्याप्त समय है, और आप रोमांंच पसन्द करते हैं. जैसे सिगरेट की हर डिब्बी पर छपा मिलता है कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ठीक उसी तरह सेबी ने भी नियम बना रखे हैं कि शेयर बाजार में जोखिम बहुत ज्यादा है तथा डेरिवेटिव बाजार यानी कि फ्यूचर या आप्शन में काम करने वाले नब्बे फीसदी लोग नुकसान उठाते हैं, और बहुत सारे लोग अपनी पूंजी भी गँवा देते हैं.

मैं भी सेबी की इस सलाह से डेढ़ सौ फीसदी सहमत हूं. पर खोजने निकलता हूं तो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं मिलता जहाँ सफलता की पूरी गारंटी हो. नौकरी के लिए आवेदन करिएगा तो हजार या लाख में से किसी एक को मिलेगी. डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट, इंजीनियर, मैनेजमेंट सलाहकार वगैरह कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ सौ फीसदी सफलता मिलती है. सौ फीसदी सफलता तो राजनीति, माफियागिरी, गुंडागिरी, उठाईगिरी, झपटामारी वगैरह में भी नहीं मिलती. तो क्या कुछ भी करने का सपना छोड़ दें ? आपने आ आपके मित्रों में से बहुतों ने आईएएस बनने का सपना देखा होगा, कोशिश भी की होगी. क्या यूपीएससी सलाह देता है कि आईएएस, आईपीएस वगैरह बनना आसान नहीं है ? इसमें आपके मेहनत और समय की बरबादी की संभावना निनान्बे फीसदी या उससे भी ज्यादा है !

सवाल फिर कौंधता है दिमाग में कि सेबी क्यों ऐसा करता है ? जैसे न्यायमूर्तियों पर आप कोई सवाल नहीं उठा सकते, उसी तरह सेबी पर भी सवाल उठाना आपकी आर्थिक सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

अब इतनी चेतावनी के बाद भी आप मेरे साथ बने रहना चाहते हैं तो बने रहिए. मेरा क्या जाता है ! अगली बार फिर कोई चरचा लेकर आऊँगा. आईएगा, देखिएगा, क्या पता आपके काम की निकले !