इक्विटी बनाम आप्शन
मैं यह बात पहले भी कई बार कह चुका हूं कि मैं कोई निवेश सलाहकार या रिसर्च एनालिस्ट नहीं हूं, सेबी से प्रमाणित या अधिकृत होना तो दूर की बात है. मैं जो कुछ भी बताना चाहता हूं वह अपने अनुभव के आधार पर. पिछले सतरह सालों से मैं एक वणिक की तरह काम करता आया हूं. शुरुआती सालों में मैंने वे सारी गलतियां की हैं जिन्हें करना नहीं चाहिये था. लोगों के टिप्स पर कोई शेयर खरीदना-बेचना. लगे कि जब शेयर का दाम तेजी से बढ़ रहा है तब खरीद लेना और फिर अपनी गलती पर पश्चाताप करते रहना. और जब शेयर में नयी तेजी आए तब जान बचा कर निकल जाना. मेरे जमाने में तब यस बैंक का घोटाला सामने आया था और आज तक मैंने जितना नुकसान कुल मिला कर उठाया है उसका लगभग दो तिहाई अकेले यस बैंक का योगदान है.
इतना बता देने के बाद अब मैं उस विषय पर आ रहा हूं जो एक वणिक के नजरिये से मैंने देखा है. अक्सर लोग कहते हैं कि फ्यूचर आप्शन की ट्रेडिंग जोखिम भरी होती है और अधिकतर वणिक नुकसान में ही रहते हैं. पर क्या आप कोई ऐसा बिजनेस बता सकते हैं जिसमें हर कोई मुनाफे में रहता है ? क्या कोई ऐसा व्यवसाय या अध्यवसाय बता सकते हैं जिसमें अधिकतर लोग सफल होते हैं ? अकाट्य सत्य यही है कि सफलता सिर्फ चन्द लोगों को मिल पाती है पर इसका निष्कर्ष यह कदापि नहीं हो सकता कि लोग प्रयास करना ही बन्द कर दें. समय से पहले और किस्मत से ज्यादा न तो किसी को मिला है, न मिल सकता है. पर याद रखना जरुरी है कि हमारा या आपका समय कब आयेगा यह किसी को ज्ञात नहीं होता. हमारी आपकी किस्मत में कितना लिखा है यह भी अज्ञात ही होता है. हमारा काम सिर्फ और सिर्फ प्रयास और सही दिशा में प्रयास करना होना चाहिए. परिणाम जो आए उसे स्वीकार करना हमारी नियति होनी चाहिये.
इस वेबसाइट पर निवेश की सलाह नहीं दी जाती, वह इस कारण कि मैं निवेश करता ही नहीं. मैं तो एक वणिक हूं और मुझे आज और अभी से मतलब रहता है. कल किसने देखा है ! पर एक सावधानी मैं हमेशा रखता हूं कि मैं कभी किसी शेयर विशेष या आप्शन विशेष को खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देता. जो लोग भी ऐसी सलाह देते हैं उनकी सलाह के पीछे उनका स्वार्थ छिपा रहता है. यहां तक की आप जिस ब्रोकर से अपना सौदा कराते हैँ उसकी सलाह को भी सावधानी से ही मानें. किसी भी टीवी चैनल, किसी भी यू ट्यूब चैनल या किसी भी वेबसाइट की बात नहीं मानें अगर वह किसी सौदा विशेष की बात करता हो. सुनिये सबकी पर करिये अपने मन की. हां अगर आप निवेशक हैं तो यहां अपना समय बेकार मत करें. यहां निवेश की कोई बात की ही नहीं जाती. निवेश शादी की तरह होता है जन्म जन्मान्तर के लिये. जबकि वणिकई वन नाइट स्टैंट जैसी होती है. मजा आया तो ठीक वरना कल फिर कुछ दूसरा देखेंगे. बाजार रोज खुलता है, छुट्टियों के दिन को छोड़कर. छुट्टियों के दिन अपने हाल के सौदों पर नजर डाला करिये जिससे आप जान सकें कि क्या फायदेमन्द रहा और क्यों, क्या नुकसानदेह रहा और क्यों.
वणिक कर्म में जितना जोखिम ले सकते हैं उसी के अनुपात में आपका लाभ या हानि रहने वाली है. कम जोखिम में नुकसान कम होगा तो मुनाफा भी कम ही रहेगा. ज्यादा जोखिम में अगर फायदा ज्यादा हो सकता है और तो नुकसान भी उतना ही बड़ा हो सकता है. इसलिये वणिक कर्म करते हुये आप अपने संभावित फायदे की न सोच कर इस पर ध्यान केन्द्रित करें कि आज आप कितना नुकसान बरदाश्त कर सकते हैं. नुकसान बस उतना ही सहना चाहिये जिससे आप कल दुबारा बाजार में सौदे कर पाने की सामर्थ्य बनाये रखें. याद रखिये वणिक कर्म में आपके नियन्त्रण में सिर्फ आपका नुकसान है, मुनाफा कितना होगा यह बाजार तय करता है.
कोई भी रणनीति, कोई भी संकेतक आपको सफलता की गारंटी नहीं देता. बन्द घड़ियां भी दिन में दो बार सही समय बता ही देती हैं. आपका अपने स्वभाव, अपनी परिस्थिति के अनुसार रणनीति सोचनी चाहिये. दूसरे उन लोगों से हमेशा सचेत रहें जो किसी सौदे विशेष की सलाह देते हों. हां अगर आप निवेशक हैं तो अपना निवेश सलाहकार किसी अनुभवी आदमी को बना लें.
सफल वणिक कर्म के लिये जरुरी है कि आप अपनी लाभ की सीमा भी तय कर करे रखें. छोटा -छोटा मुनाफा, छोटा-छोटा नुकसान नुकसान लंबी अवधि में हमेशा फायदेमंद साबित होगा. एक साधारण मापदण्ड यह होना चाहिये कि आप अपना संभावित लाभ अपनी बरदाश्त करने योग्य नुकसान के बराबर या हद से हद तीन गुना रखें. अगर आपकी रणनीति आपको 60 प्रतिशत सफलता देती है तो सौ सौदों में चालीस बार आपका नुकसान कुल मिला कर चालीस हो औ साठ बार में कुल मिला कर एकसौ बीस हो तो इस गणना में आपको हर सौदे पर 0.8 का मुनाफा होता है जो कि पर्याप्त होना चाहिये.
सफल वणिक कर्म के लिये यह बहुत ही जरुरी है कि आपके सौदे का आकार आपकी नुकसान उठाने की सीमा से प्रतिबन्धित रहे. मान लीजिये कि आप किसी भी सौदे में अधिकतम एक हजार रुपये के नुकसान बरदाश्त कर सकते हैं तो आपको अपने सौदे का आकार (1000/संभावित नुकसान के बराबर होना चाहिये. उदाहरण के लिये आप जो सौदा करने जा रहे हैं उसमें प्रति नग एक रुपये का नुकसान की सीमा नजर आती हो तो आपको हजार नग से ज्यादा का सौदा नहीं करना चाहिये.
वणिक कर्म में दो तरह की टीमें शामिल होती हैं. एक टीम खरीदने वालों की होती है तो दूसरी टीमे बेचने वालों की. हर टीम में एक से बढ़कर एक धुरंधर और बड़े खिलाड़ी मिल जायेंगे. हमारी गलती हो जाती है कि हमें अपनी अक्ल हमेशा दूसरे से ज्यादा लगती है. खरीदने वाला कम जोखिम लेता है क्योंकि उसे मालूम है कि जो भी उसने खरीदा है वह हद से हद शून्य तक गिर सकता है. पर जो बेचने वाला होता है उसका जोखिम असीम होता है क्योंकि मूल्य किसी भी स्तर तक जा सकता है. उपर की कोई सीमा नहीं होती. हम में से अधिकतर लोग खरीदने वाली टीम में होते हैं. हम भूल जाते हैं कि बेचने वाला हमेशा ज्यादा जानकार या ताकतवर हो सकता है. अगर आपके पास खरीदने का कारण है तो उसके पास भी बेचने के कारण होंगे ही. याद रखिये कि वणिक कर्म में जीरो सम गेम का खेल होता है. अगर कोई जीत रहा है तो सामने में कोई उससे ज्यादा हार रहा है. बीच में दलाली और सरकारी टैक्स दोनों से मलाई काट रहे होते हैं.
लेख लंबा होता जा रहा है और अब तक मैने उसकी चर्चा की ही नहीं कि इक्विटी बनाम आप्शन में क्या श्रेयस्कर होता है ? जोखिम आप्शन में ज्यादा होता है क्योंकि उसमें मुनाफे की संभावना भी ज्यादा होती है और जब नुकसान होता है तो नुकसान भी उसी अनुपात में ज्यादा होता है. इक्विटी में जोखिम कम होता है क्योंकि आप उसे खरीद कर पकड़े रह सकते हैं. और देर सबेर उसके लाभ में जाने की संभावना हमेशा बनी रहती है. आप्शन में एक खास समय तक उसका मूल्य शून्य हो ही जाना है.
इक्विटी में आपको बड़ी राशि लगानी पड़ती है जबकि आप्शन में एक छोटी राशि. गलती यहां हो जाती है कि हम आप्शन में होने वाले लाभ को तो देख लेते हैं पर भूल जाते हैं कि नुकसान भी उसी गुणन में होने की आशंका होती है. इक्विटी वणिक कर्म धीमी रफ्तार से चलता है जबकि आप्शन में बहुत ही तेज रफ्तार से. पलक झपकते आप्शन का लाभ नुकसान में बदल सकता है जबकि इक्विटी में थोड़ा समय मिल सकता है. आप्शन का खेल कबड्डी जैसा होता है. आपको अकेले प्रतिद्वन्द्वी के किले में घुसने होता है जहां एक पूरी टीम आपको घेरने का इंतजार कर रहती है. आपको अपनी साँस टूटने से पहले प्रतिद्वन्द्वी के किले से वापस लौट आना होता है.
पर एक मिथक यह भी है कि आप्शन का खेल एक दिन का होता है. साप्ताहिक आप्शनों से दूर रह कर अगर आप मासिक आप्शन में वणिकी कर रहे हैं तो आप कुछ दिन का इंतजार कर सकते हैं. पर तब आपको उतने ही लाभ के लिये अधिक ऊंचाई तक जाना पड़ सकता है. मेरा सुझाव यही रहेगा कि जो भी आप्शन आप खरीदें - कॉल का या पुट का - उससे जितनी जल्दी निकल जायें उतना ही अच्छा. छोटी सामर्थ्य वाले वणिक को एक सौदे में पांच सात सौ से ज्यादा के लाभ की आशा नहीं रखनी चाहिये. छोटा छोटा मुनाफा अगर कई बार हो तो वह बड़ा मुनाफा दे सकता है. पर अगर कहीं बड़े लाभ की प्रतीक्षा में बड़ा नुकसान हो गया तो आप बरबाद भी हो सकते हैं. इसलिये आप्शन में हमेशा छोटा लाभ लेकर निकल जाने की आदत डाल लें. आपको शायद पता नहीं हो पर बड़े खिलाड़ी बहुत ही कम प्रतिशत का लाभ लेकर निकल जाते हैं. वह इसलिये कि उनकी राशि बहुत ही बड़ी होती है. एक करोड़ की राशि का सौदा करने वाला अगर एक फीसदी लेकर निकल जाया करे तो उसको हर सौदे में एक लाख का मुनाफा होता है. पर अगर जो आप दस पन्द्रह हजार रुपये से आप्शन के मैदान में हैं तो एक फीसदी का मुनाफा तो ब्रोकरेज वगैरह में ही निकल जायेगा. पर पांच प्रतिशत का मुनाफा लेकर सौदा काट देना लंबी अवधि में लाभदायक साबित हो सकता है. मगर तब आप को दस प्रतिशत से अधिक का नुकसान होते ही निकल भागना पड़ेगा. नुकसान में मैं दस प्रतिशत की बात इस कारण कर रहा हूं कि उतार चढ़ाव इतनी तेजी से होता है कि आप को फैसला लेने में देरी हो सकती है. जब आप कोई आप्शन खरीदते हैं तो उस समय आप अपनी रणनीति के हिसाब से खरीद रहे होते हैं. इसलिये पांच प्रतिशत का मुनाफा जल्द ही मिल जायेगा. हाँ कई बार में एकाध बार आपको दस प्रतिशत का नुकसान भी उठाना पड़ेगा. पर कुल मिलाकर आप लाभ में रहेंगे, ऐसी आशा की जा सकती है.
आखिरी बात यह कि इस वणिक कर्म के लिये आप रेंज बार का उपयोग करें. यह रेंको से बेहतर होता है और सामान्य कैन्डल की तरह हर मूवमेंट दिखलाता रहता है. अगर इस रेंज बार के साथ आप फेयर वैल्यू गैप को भी शामिल कर लें तो लाभ होने की संभावना बढ़ जायेगी.
अपनी बात तो मैँ काफी देर से कह रहा हूं. आप अपनी बात कब कहियेगा ? अगर आपके कुछ प्रश्न हों तो पूछ कर देखिये.